President Draupadi Murmu – 15th President (Govt Exam Guide)

President Draupadi Murmu – 15th President (Govt Exam Guide)
President Draupadi Murmu – First tribal President of India (Assumption 2022)

📝 सबसे जरूरी तथ्य (Govt Exams/General Studies में पूछे जाने योग्य)

  • पद: भारत की 15वीं राष्ट्रपति
  • नाम: द्रौपदी मुर्मू, जन्मनाम Durgi Biranchi Tudu (20 जून 1958), आदिवासी (संताल) समुदाय से
  • शपथ ग्रहण: 25 जुलाई 2022, CJI द्वारा
  • पहली आदिवासी राष्ट्रपति और दूसरी महिला (पहली थीं प्रतिभा पाटिल)
  • स्वतंत्र भारत में जन्मी पहली राष्ट्रपति, सबसे कम उम्र (64 वर्ष) पर बनीं
  • पूर्व राज्यपाल: झारखंड (18 मई 2015–15 जुलाई 2021), सबसे लंबे समय तक सेवित राज्यपाल
  • पूर्व विधायक और मंत्री: ओडिशा विधान सभा में 2000–2009; ओडिशा की वाणिज्य, परिवहन व मत्स्यपालन मंत्री रहीं

📚 शैक्षणिक और प्रारंभिक जीवन

  • आदिवासी ग्रामीण पृष्ठभूमि में आई, मायूरभंज (ओडिशा) के Uparbeda गाँव में जन्मीं
  • प्राथमिक शिक्षा गाँव से, BA की डिग्री भुवनेश्वर के रामादेवी महिला महाविद्यालय से

🎓 President Draupadi Murmu के राजनीतिक यात्रा और प्रशासनिक अनुभव

कालपदमुख्य उपलब्धियाँ
2000–2009विधायक (Rairangpur, ओडिशा)MLA दो बार, Pandit Nilakantha Das अवार्ड प्राप्त
2000–2004राज्य मंत्री (Commerce/Transport, Fisheries)ग्रामीण विकास कार्य में सक्रिय योगदान
2015–2021झारखंड राज्यपालआदिवासी अधिकारों के समर्थन में Pathalgadi बिल पर वापसी

🎯 President Draupadi Murmu – 15th President के रूप में उल्लेखनीय पहल

  • ‘प्रधानमंत्री TB मुक्त भारत’ अभियान का शुभारंभ (सितंबर 2022)
  • देश की पूर्व राष्ट्रपति की तरह, स्वतंत्रता दिवस की राष्ट्र के नाम पहली भाषण (14 अगस्त 2022)
  • मम्मू निवास राज्यवार दौरे सहित कई समारोहों में भाग लिया
  • विदेशों से मिले मानद नागरिक एवं सम्मान: सॉरीनाम, फिजी, फिनलैंड आदि (2023–2025)

📌 संक्षेप में – Govt Exam के लिए “Quick Facts”

  • नाम: द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu)
  • आइडेंटिटी: आदिवासी (संताल), ओडिशा मूल
  • शपथ: 25 जुलाई 2022
  • महत्व: पहली आदिवासी राष्ट्रपति, दूसरी महिला, स्वतंत्र भारत में जन्मीं पहली राष्ट्रपति
  • पूर्व पद: विधायक, ओडिशा मंत्री, झारखंड राज्यपाल

🔚 निष्कर्ष

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की कहानी आदिवासी चेतना, महिला सशक्तिकरण और संविधान में विश्वास की मिसाल है। युवा छात्रों, प्रतियोगी परीक्षार्थियों के लिए ये तथ्य बेहद महत्वपूर्ण हैं — इसे रिवाइज करें और नोट्स में शामिल करें

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