अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) अब भारत में: आगरा में होगी स्थापना
भारत सरकार ने पेरू स्थित अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) के दक्षिण एशिया क्षेत्रीय केंद्र (CSARC) की आगरा में स्थापना को मंजूरी दे दी है। ₹171 करोड़ के निवेश वाले इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य आलू और शकरकंद की उत्पादकता बढ़ाना, किसानों की आय दोगुनी करना और जलवायु-अनुकूल किस्में विकसित करना है।
क्यों महत्वपूर्ण है?
- UPSC/कृषि परीक्षाओं के लिए: CIP का यह केंद्र दक्षिण एशिया में आलू अनुसंधान को बढ़ावा देगा।
- सामाजिक प्रभाव: 50 लाख से अधिक किसानों को उन्नत बीज और तकनीक मिलेगी।
- सरकारी योजना: यह प्रोजेक्ट केंद्र की “किसान समृद्धि योजना” का हिस्सा है।
पैरामीटर (Parameter) | विवरण (Details) |
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निवेश (Investment) | ₹171 करोड़ (भारत: ₹111.5Cr, CIP: ₹60Cr) |
भूमि आवंटन (Land Allocation) | 10 हेक्टेयर (उत्तर प्रदेश सरकार) |
अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र के कुछ मुख्य बिंदु:
- शुरुआत: आगरा में 10 हेक्टेयर जमीन पर केंद्र की स्थापना।
- उद्देश्य: आलू और शकरकंद की climate-resilient किस्में विकसित करना।
- किसान लाभ: CIP ऑफिशियल वेबसाइट पर ट्रेनिंग और संसाधन उपलब्ध होंगे।
“यह केंद्र भारत को आलू अनुसंधान में वैश्विक हब बनाएगा और किसानों की आय बढ़ाएगा।” — डॉ. राजेश वर्मा, कृषि विशेषज्ञ
English Summary
India’s Cabinet approved the CIP-South Asia Regional Center (CSARC) in Agra to boost potato research, food security, and farmer income. With ₹171 crore funding, it will develop climate-resilient crops and improve post-harvest management.
❓ FAQ Schema
Q: अंतर्राष्ट्रीय आलू केंद्र (CIP) भारत में कहाँ स्थापित होगा?
A: आगरा, उत्तर प्रदेश में 10 हेक्टेयर जमीन पर CIP-South Asia केंद्र बनेगा।
📢 CTA: CIP के बारे में अधिक जानने के लिए आधिकारिक वेबसाइट पर जाएँ!