नई दिल्ली, 19 जून 2025 — भारतीय साहित्य जगत के सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में शुमार साहित्य अकादेमी बाल साहित्य पुरस्कार 2025 के विजेताओं की घोषणा हो गई है! अकादेमी के अध्यक्ष माधव कौशिक की अध्यक्षता में हुई कार्यकारी मंडल की बैठक में 24 भारतीय भाषाओं के लेखकों को यह सम्मान दिए जाने का ऐलान किया गया.
✨ Bal Sahitya Puraskar पुरस्कार की मुख्य बातें:
- पुरस्कार राशि: प्रत्येक विजेता को 50,000 रुपये नकद और ताम्र पट्टिका (engraved copper plaque) प्रदान की जाएगी.
- चयन प्रक्रिया: त्रिसदस्यीय जूरी ने निर्धारित मानदंडों के आधार पर विजेताओं का चयन किया.
- समारोह: पुरस्कार विजेताओं को भविष्य में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा.
📚 Bal Sahitya Puraskar 2025: प्रमुख विजेता (भाषा-वार सूची):
भाषा | विजेता | पुस्तक (शैली) |
---|---|---|
हिंदी | सुशील शुक्ल | एक बटे बारह (कहानी संग्रह) |
अंग्रेज़ी | नितिन कुशलप्पा एमपी | दक्षिण, साउथ इंडियन मिथ्स एंड फैब्लस रीटोल्ड (कहानियाँ) |
बांग्ला | त्रिदिब कुमार चट्टोपाध्याय | एखोनो गाये कांटा देय (कहानियाँ) |
गुजराती | कीर्तिदा ब्रह्मभट्ट | टिंचक (कविता) |
पंजाबी | पाली खादिम (अमृत पाल सिंह) | जादू पत्ता (उपन्यास) |
संस्कृत | प्रीति पुजारा | बालविश्वम् (कविता) |
तमिळ | विष्णुपुरम सरवणन | ओत्तराई सिरगू ओविया (उपन्यास) |
मराठी | सुरेश सावंत | आभाळमाया (कविता) |
उर्दू | ग़ज़नफ़र इक़बाल | क़ौमी सितारे (लेख संग्रह) |
(पूरी सूची साहित्य अकादमी की वेबसाइट पर उपलब्ध है).
🌟 विशेष तथ्य:
- हिंदी विजेता सुशील शुक्ल के अनुसार, बाल साहित्य “पेड़ और नदी की तरह” होना चाहिए—जो हर उम्र के पाठकों को जोड़ सके.
- झारखंड की पार्वती तिर्की को हिंदी में युवा पुरस्कार 2025 भी मिला है (कविता संग्रह फिर उगना के लिए).
- डोगरी भाषा में युवा पुरस्कार बाद में घोषित किया जाएगा.
🏆 पुरस्कार का महत्व:
यह सम्मान बच्चों के साहित्य को बढ़ावा देने और भारतीय भाषाओं में रचनात्मक लेखन को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। जैसा कि सुशील शुक्ल कहते हैं—”ऐसी किताबें बनें जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सबको प्रेरित कर सकें”